


पेरिस, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले हफ्ते पेरिस जाने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान वो राफेल लड़ाकू विमान पर चीन और पाकिस्तान की तरफ से फैलाए गये प्रोपेगेंडा को लेकर फ्रांस से बात करेंगे। जयशंकर की पेरिस यात्रा का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि किसी भी देश को भारत और फ्रांस की दोस्ती पर कोई शक ना रहे। खासकर, फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों की क्वालिटी को लेकर जो बातें चीन समर्थत मीडिया और राफेल विरोधी फैला रहे हैं, उन्हें दूर करना भी जरूरी है। पाकिस्तान और चीन ने हाल ही में एक संगठित अभियान चलाकर यह नैरेटिव फैलाया है कि भारत के राफेल फाइटर जेट्स, जो फ्रांस से खरीदे गए हैं, चीन-पाकिस्तान के सामने असहाय साबित हो चुके हैं।
पाकिस्तान दावा करता है कि पिछले महीने भारत के साथ संघर्ष के दौरान उसने राफेल गिराए हैं, जबकि भारत ने ये तो कहा है कि उसके विमान गिरे हैं, लेकिन ये नहीं कहा है कि कौन सा विमान गिरा है। जबकि पाकिस्तान और चीन ये प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं कि जे-10सी फाइटर जेट और पीएल-15 मिसाइल के कॉम्बिनेशन से राफेल गिराया गया है। पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को कुछ पश्चिमी देशों का साथ इसलिए मिला है, क्योंकि ये देश इसलिए नाराज हैं कि भारत ने यूरोफाइटर को ठुकराकर राफेल चुना था। अमेरिका में नाराजगी इसबात को लेकर है कि भारत ने F-21 लड़ाकू विमान को छोड़कर राफेल को चुना था। इसके अलावा अमेरिका चाहता है कि भारत F-21 और F-35 स्टील्थ फाइटर खरीदे, इसलिए भारत और फ्रांस के रिश्ते पर अविश्वास फैलाने के अलावा राफेल को भी खराब बताया जा रहा है।